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Tyre लेने से पहले देख लीजिए ट्यूबलेस टायर और ट्यूब टायर में अंतर, कही हो ना जाये नुकसान, जानिए

Tyre लेने से पहले देख लीजिए ट्यूबलेस टायर और ट्यूब टायर में अंतर, कही हो ना जाये नुकसान, जानिए। आजकल हर किसी के घर बाइक, साइकिल या कार तो होगी और इन सबमे एक चीज सामान होती है वो है इसके टायर बता दे की आजकल गाड़ियों में दो तरह के टायर लगे हुए होते है। जिसमे पहला Tube वाला और Tubeless Tyre लगा होता है। क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि दोनों में क्या अंतर होता है। आप भी कभी-कभी सोच में पड़ जाते है कि गाडी में कोनसा टायर डलवाना चाहिए। अगर ऐसा है तो आप भी लेने से पहले देख लीजिए इसकी जानकरी कही आपको नुकसान न उठाना पड़ जाये, तो चलिए आज हम आपको बताते है क्या है इन दोनों में अंतर और इसके फायदे और नुक्सान के बारे में….

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सबसे पहले जानिए ट्यूबलेस Tyre और ट्यूब वाले Tyre में क्या होता है अंतर

अगर हम बात करे tube वाले टायर की तो इसमें टायर के साथ एक tube मिलता है जो कि अंदर की तरफ होता है इसलिए इसे tube वाला टायर कहते है। पंक्चर होने पर ट्यूब निकालकर सुधार दिया जाता और टायर चलने लगता है. लेकिन ट्यूबलेस टायर में ट्यूब लगा हुआ नहीं होता है। इसमें हवा सीधे टायर में भरी जाती है। यह सीधे गाड़ी की रिम से जुड़ा होता है.

टायर पंचर होने पर

ट्यूब वाली गाड़ी अगर पंक्चर हो जाए तो आप उसे बैठके 2 कदम नहीं चल सकते लेकिन वही ट्यूबलेस टायर की बात करे तो हम इसे आसानी से कुछ किलोमीटर तक चला सकते है। इसके पीछे का रीज़न यह है कि कि ट्यूब वाले टायर की हवा पंक्चर होते ही झट से पूरी निकल जाती है लेकिन ट्यूबलेस टायर में कुछ हवा रहती है जिससे की आप पंक्चर वाली दूकान तक पहुंच जाए.

हवा कम होने पर घर्षण

अगर गाडी के टायर में हवा कम होती है तो ट्यूब वाले टायर में दिक्कते पैदा होने लगती है जिससे कि टायर के बीच घर्षण पैदा हो जाती है जिससे की ट्यूब घिसने लगता है। परन्तु ट्यूबलेस टायर में हवा कम होने पर भी घर्षण नहीं होता। इसकी लाइफ ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ज्यादा रहती है.

टायर की स्टेबिलिटी और बेहतर हैंडलिंग क्षमता

ट्यूबलेस टायर ट्यूब वाले Tyre के मुकाबले ज्यादा असरदार होते है क्योंकि यह सीधे रिम से जुड़ा हुआ होता है. जिससे कि वाहन को स्पीड पर चलाने पर ज्यादा स्टेबिलिटी और बेहतर हैंडलिंग देखने को मिलती है. अगर आप ट्यूब वाले टायर में ज्यादा लोड लेकर हाई स्पीड में गाड़ी चलाओगे तो इसमें दिक्कत होगी और इसकी स्टेबिलिटी और हैंडलिंग की समस्या खड़ी हो जायेगी।

माइलेज पर भी असर

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अगर हम गाड़ी के माइलेज की बात करते है तो यह गाड़ी के वजन पर डिपेंड करता है। ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलेस टायर का वजन काफी कम होता है इसीलिए माना जाता है कि यह टायर ज्यादा माइलेज देने में सक्षम है।

Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न रिपोर्ट से आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, ग्रामीण मीडिया इसके लिए कोई दावा या पुष्टि नहीं करते है.

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